अक्षय तृतीया के मौके पर धर्म गुरुओं के साथ होगी बाल विवाह की रोकथाम , बाल विवाह मुक्त भारत ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी।

बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के प्रावधानों से कराया जायेगा अवगत
अठारह वर्ष से कम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत बलात्कार है।
जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन बनवासी विकास आश्रम , गिरिडीह ने बाल विवाहों की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच चलाया जागरूकता अभियान।
बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कहा, अब तक धर्मगुरु या पुरोहितो, मौलवी या पादरियों से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करनेवाला रहा है।
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को जिले के किसी मंदिर में नहीं होगा एक भी बाल विवाह
बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के गिरिडीह में सहयोगी संगठन बनवासी विकास आश्रम की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच विषेश जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, हमने उन्हें और भी प्रभावी तरीके से बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया है । अब तक प्राप्त सकारात्मक नतीजों को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बालविवाह नहीं होने पाएगा। संगठन द्वारा जिले के अधिकांश मंदिरों मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है।गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से ‘चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया’ ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ कैम्पेन चला रहा है।
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। बनवासी विकास आश्रम ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझाकर 2023-24 में गिरिडीह जिले में 565 अभिभावकों से अंडरटेकिंग लेकर बाल विवाह रुकवाए हैं साथ ही साथ बाल विवाह निषेद अधिनियम के तहत 5 FIR दर्ज़ करवाया है । यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति परअमल कर रहा है।
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के सीनियर समन्वयक श्री उत्तम कुमार ने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है।ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है।इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है।इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजावाले, मैरेज हाल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है।उन्होंने कहा कि इसी लिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया क्योंकि यह वो सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो विवाह संपन्न कराता है। अभियान के दौरान उन्हें समझाया कि बाल विवाह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार है।अठारह वर्ष से कम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत बलात्कार है। बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होने देने की शपथ ले रहे हैं। यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराने से इनकार कर दे तो देश से रातों रात इस अपराध का सफाया हो सकता है। इस अभियान में उनके आशातीत सहयोग व समर्थन से हम अभिभूत हैं। इसको देखते हुए हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त गिरिडीह जिला बनाने में सफल होंगे।
प्रेस वार्ता को सीनियर क्षेत्र समन्वयक उत्तम कुमार , समुदाय स्तरीय कार्यकर्ता उत्तम कुमार सिंह , उदय सोनी , सनोज कुमार , महिला नेत्री भागीरथी देवी , रूपा कुमारी, सुधा कुमारी , सुकन्या कुमारी इत्यादि ने सम्बोधित किया।