
गिरिडीह, 17 अप्रैल 2025: समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त श्री नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जन्म-मृत्यु निबंधन संबंधी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जन्म-मृत्यु निबंधन एक राष्ट्रीय महत्व का विषय है तथा प्रत्येक घटना का समय पर पंजीकरण आवश्यक एवं अनिवार्य है।
उपायुक्त ने बताया कि जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969, संशोधित अधिनियम 2023, झारखंड जन्म-मृत्यु निबंधन नियमावली 2009 तथा झारखंड संशोधन अधिनियम 2024 के अंतर्गत किया जाता है। वर्तमान में यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा विकसित पोर्टल dc.crsorgi.gov.in का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसी भी जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीकरण घटना के 21 दिनों के भीतर निःशुल्क किया जाता है। 21 से 30 दिन के बीच एक रुपये विलंब शुल्क के साथ निबंधन किया जा सकता है, जबकि 30 दिन से एक वर्ष तक की घटनाएं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के लिखित आदेश पर पंजीकृत होती हैं।
बैठक के मुख्य बिंदु और निर्देश:
अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र की सभी निबंधन इकाइयों में समयबद्ध निबंधन सुनिश्चित करें।
प्रखंड विकास पदाधिकारियों को प्रत्येक सोमवार को पंचायत सचिवालय में पंचायत सचिवों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है, जिससे जन्म-मृत्यु निबंधन की प्रक्रिया निर्बाध रूप से चले।
प्रत्येक प्रखंड में त्रैमासिक अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित कर कार्यवाही रिपोर्ट जिला सांख्यिकी कार्यालय को भेजने का निर्देश।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सरकारी विद्यालयों में नवप्रवेशी विद्यार्थियों से जन्म प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से माँगा जाए, हालांकि इससे निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार में कोई बाधा न उत्पन्न हो।
नगर परिषद बड़की सरैया, धनवार एवं गिरिडीह नगर निगम के अंतर्गत सभी निजी अस्पतालों को सीआरएस पोर्टल से जोड़ने के निर्देश दिए गए ताकि वहां की सभी घटनाओं का भी समय पर पंजीकरण हो सके।
बैठक में डीआरडीए निदेशक, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदा धिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।