हिंदू एकता के नाम पर कलंक: देवव्रत शाहदेव बना भाजपा नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या का मास्टरमाइंड”
Note: कोलकाता/रांची: राजनीति की दुनिया में एक बार फिर से ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हिंदू एकता और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करने वालों के असली चेहरे को उजागर कर दिया है।
No1News विशेष रिपोर्ट
“हिंदू एकता के नाम पर कलंक: देवव्रत शाहदेव बना भाजपा नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या का मास्टरमाइंड”
कोलकाता/रांची:
राजनीति की दुनिया में एक बार फिर से ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हिंदू एकता और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करने वालों के असली चेहरे को उजागर कर दिया है। No1News को प्राप्त विशेष सूत्रों के अनुसार, खुद को हिंदूवादी बताने वाले देवव्रत शाहदेव ही भाजपा नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या की साजिश के मास्टरमाइंड निकले हैं।
हत्या की साजिश: कोलकाता में बनी योजना
इस चौंकाने वाले मामले में जानकारी मिली है कि देवव्रत शाहदेव ने अनिल महतो टाइगर की हत्या की सुपारी कोलकाता में दी थी। हत्यारों को कोलकाता में बुलाकर पूरी योजना को अंतिम रूप दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, देवव्रत ने हत्या के बदले मोटी रकम का वादा किया था और हत्या को दुर्घटना दिखाने की भी रणनीति बनाई गई थी।
सियासी चेहरों के पीछे का अपराधी चेहरा
देवव्रत शाहदेव को अब तक हिंदूवादी विचारधारा का समर्थक और जन-हितैषी नेता बताया जाता रहा है। उन्होंने कई बार मंचों से हिंदू एकता, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति की बातें की थीं। लेकिन इस हत्याकांड ने उनकी असलियत को सामने ला दिया है।
“जो लोग मंचों से धर्म और देशभक्ति की बातें करते हैं, वही निजी स्वार्थ के लिए हत्या जैसा पाप कर सकते हैं,” एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा।
भाजपा के भीतर भी हलचल
इस मामले के सामने आने के बाद भाजपा के अंदर भी गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, देवव्रत के पुराने राजनीतिक संबंधों को खंगालने का काम भी शुरू हो गया है। कई नेताओं का मानना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक दुश्मनी नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश है, जिसमें और भी बड़े नाम जुड़ सकते हैं।
जनता में आक्रोश
अनिल महतो टाइगर की छवि एक जमीन से जुड़े, जुझारू नेता की थी। उनकी लोकप्रियता खासकर युवाओं में काफी थी। उनकी हत्या की खबर के बाद से उनके समर्थक लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। देवव्रत शाहदेव का नाम सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
आगे की जांच और कार्रवाई
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। देवव्रत शाहदेव को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है या गिरफ्तारी भी हो सकती है। जिन हत्यारों को सुपारी दी गई थी, उनकी पहचान की जा चुकी है और कुछ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
निष्कर्ष:
राजनीति में अपराध का यह नया चेहरा दिखाता है कि कैसे धर्म और राष्ट्रवाद की आड़ में कुछ लोग अपने निजी हितों और सत्ता की भूख के लिए निर्दोषों की जान ले सकते हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जनता को सिर्फ दिखावे नहीं, बल्कि नेताओं की असलियत को समझकर फैसला लेना होगा।