मनकडीहा गांव में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती बड़े धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई।
रिपोर्टर : चंदन राय

गिरिडीह : देवरी प्रखंड के मनकडीहा गांव में भारत रत्न, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के पुरोधा डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास, गरिमा और परंपरागत उत्साह के साथ मनाई गई। यह कार्यक्रम गांव में सामाजिक जागरूकता, समता और न्याय के मूल्यों को प्रोत्साहित करने वाले एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। विशेष बात यह रही कि यह परंपरा बीते 35 वर्षों से निरंतर चली आ रही है और हर साल इसकी भव्यता बढ़ती ही जा रही है।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। गांव के नागरिकों, युवाओं और बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लेकर आयोजन में एक सांस्कृतिक रंग भर दिया। उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने बाबा साहब के जीवन, संघर्ष और उनके विचारों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
इस वर्ष के मुख्य अतिथि के रूप में जमुआ की विधायक डॉ. मंजू कुमारी उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब का जीवन उन लाखों-करोड़ों वंचितों के लिए एक प्रेरणा है, जिन्होंने सदियों से अन्याय का सामना किया। बाबा साहब ने अपने अथक प्रयासों से न सिर्फ भारतीय संविधान का निर्माण किया, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता की नींव भी रखी।
कार्यक्रम में प्रखंड के प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. प्रफुल्ल सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में बाबा साहब के योगदान की चर्चा की और युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में बदलाव लाएं। माले नेता कॉमरेड रामकिशन यादव ने सामाजिक न्याय और वर्गहीन समाज के निर्माण पर जोर दिया। अधिवक्ता सह CPIML नेता कुलदीप राय ने संविधान में निहित अधिकारों और कर्तव्यों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही अंबिका वर्णवाल ने बाबा साहब के विचारों को वर्तमान सामाजिक संरचना में प्रासंगिक बताया।
गांव के युवाओं द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों – जैसे नाटक, भाषण, कविता पाठ एवं गीत – ने सभी दर्शकों को बाबा साहब के विचारों से भावनात्मक रूप से जोड़ दिया। पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा और कार्यक्रम में हर आयु वर्ग के लोगों की सक्रिय भागीदारी रही।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया और सभी लोगों को बाबा साहब के दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई।