प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों की राह सुगम बना रही मोदी सरकार, परंतु जमुआ विधानसभा के ग्रामीण अभी भी तरस रहे हैं पक्की सड़क के लिए
NO1NEWS रिपोर्टर; मंटू यादव

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों की राह सुगम बना रही मोदी सरकार, परंतु जमुआ विधानसभा के ग्रामीण अभी भी तरस रहे हैं पक्की सड़क के लिए
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक ₹3.37 लाख करोड़ से अधिक की लागत से देशभर में 7.78 लाख किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ना और गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ना है। लेकिन इसके बावजूद झारखंड के गिरिडीह ज़िले के जमुआ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चिकनाडीह पंचायत से खटोरी पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति इस योजना की जमीनी हकीकत को उजागर करती है।
गादीकला से कनिकेंद तक की सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत करीब डेढ़ से दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद श्रीमती अन्नपूर्णा देवी एवं जमुआ के पूर्व विधायक श्री केदार हाजरा द्वारा बड़े धूमधाम से किया गया था। शिलान्यास के शुरुआती दो महीने में कुछ काम हुआ भी, लेकिन फिर से निर्माण कार्य अचानक बंद हो गया। लगभग दो साल बीतने को हैं, लेकिन सड़क का कार्य ठप पड़ा हुआ है। स्थानीय जनता को न तो इसके रुकने का कारण बताया गया और न ही कोई कार्यवाही की गई।
गांव की जनता कई समस्याओं से जूझ रही है। इस कच्चे और जर्ज़र रास्ते से प्रतिदिन 500 से 1000 लोग पैदल, बाइक और साइकिल से गुजरते हैं। गर्मी में उड़ती धूल और बिछे हुए नुकीले पत्थर लोगों की राह मुश्किल बना देते हैं। बारिश में हालात और बदतर हो जाते हैं, जब जगह-जगह पानी भर जाता है और सिर्फ डस्ट डालकर मरम्मत कर दी जाती है — जैसे बचपन में दादी-नानी फटे कपड़े पर टुकड़ा सिलकर काम चला लेती थीं, वैसा ही यहां की सड़क की दशा है।
कई स्थानों पर गार्डवाल की आवश्यकता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। यह स्थिति सरकार और ठेकेदार की उदासीनता को दर्शाती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि चुनाव के समय सड़क निर्माण को फिर से मुद्दा बनाकर वोटबैंक की राजनीति की जा सके। या फिर ठेकेदार की लापरवाही इसके पीछे है। कारण कुछ भी हो, लेकिन इससे सबसे अधिक नुकसान आम ग्रामीणों को हो रहा है।
यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए। सड़क सिर्फ एक मार्ग नहीं होती, यह ग्रामीण विकास की रीढ़ होती है। अगर आज भी इस तरह की लापरवाही ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है, तो यह केवल योजनाओं की असफलता ही नहीं, बल्कि जनता के साथ धोखा है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग की जाती है कि इस सड़क का कार्य तत्काल शुरू किया जाए और स्थायी निर्माण करवा कर ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा प्रदान की जाए।