
रांची, 20 मई 2025 — झारखंड में एक बड़े प्रशासनिक झटके के रूप में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने राज्य के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई झारखंड में सामने आए बहुचर्चित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई है।
सूत्रों के अनुसार, विनय चौबे पर आरोप है कि उन्होंने राज्य में शराब वितरण और लाइसेंसिंग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की अनदेखी की और घोटाले में संलिप्त कंपनियों और अधिकारियों को संरक्षण दिया। ACB को मिली प्राथमिक जानकारी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
ACB की टीम ने सोमवार सुबह रांची स्थित विनय चौबे के सरकारी आवास पर छापा मारा और घंटों पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में लिया। इस दौरान चौबे से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए गए हैं।
क्या है शराब घोटाला?
यह घोटाला राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की बिक्री और वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आरोप है कि कई कंपनियों को अवैध रूप से लाभ पहुंचाया गया, जिनमें से कुछ को बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के ठेके दिए गए। इस घोटाले में कई पूर्व और वर्तमान अधिकारी, साथ ही निजी कंपनियों के निदेशक भी जांच के दायरे में हैं।
ACB के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, “शुरुआती जांच में कुछ गंभीर तथ्य सामने आए हैं, और IAS अधिकारी विनय चौबे की भूमिका संदेह के घेरे में है। आगे की जांच जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद झारखंड की सियासत में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है। वहीं, सरकार का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
ACB अगले कुछ दिनों में चौबे को न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी कर रही है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
इस मामले से जुड़े और भी बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।