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नयकाडीह की सड़क या जलकुंड? स्कूल जाना हो या अस्पताल — हर कदम जोखिम भरा— प्रशासन की नींद अब भी गहरी/सर्वे रोड का भी किया गया है अतिक्रमण शिकायतें गईं, बैठकें हुईं — समाधान आज तक नहीं

नयकाडीह गांव में पीसीसी रोड अब सड़क कम, जलजमाव की झील ज़्यादा बनती जा रही है। दशकों पुराना जलनिकासी मार्ग बंद होने से गांव के करीब 800 से अधिक लोग इस गंभीर समस्या से त्रस्त हैं। ग्रामीणों की मानें तो लगभग 200 वर्षों से जिस रास्ते से बारिश और घरेलू पानी की निकासी होती थी, उसे कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा जबरन बंद कर दिया गया है। नतीजा—सड़क पर पानी ठहरने लगा है, मच्छरों का प्रकोप चरम पर है और संक्रमण फैलने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।

 

रोजाना की जिंदगी बनी मुसीबत

 

पहले से ही संकरी इस पीसीसी सड़क पर जलजमाव ने हालात और खराब कर दिए हैं। बुजुर्ग, महिलाएं और स्कूली बच्चे रोजाना इस पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं। कई बार लोग फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं।

 

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर ग्रामीणों में आक्रोश

 

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कई बार थाना प्रभारी और पंचायत प्रतिनिधियों को आवेदन दिया। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत स्तर पर बैठकें भी हुईं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी ने गांववालों की उम्मीदें तोड़ दी हैं।

 

पानी छोड़ने वाले घरों पर भी उठी उंगलियां

 

कुछ ग्रामीणों का कहना है कि कुछ परिवार जानबूझकर अपने घर का गंदा पानी सड़क पर छोड़ते हैं, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। करीब 70-80 हडिया परिवार, जिनमें हर एक में 10-15 सदस्य हैं, इस समस्या से सीधे तौर पर प्रभावित हैं।

 

ग्रामीणों की चार प्रमुख मांगें:

1. पुराने जलनिकासी मार्ग की बहाली

2. सड़क किनारे नाला/ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण

3. जलजमाव का स्थायी समाधान

4. मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु फॉगिंग की व्यवस्था

 

आंदोलन की चेतावनी

अगर जल्द ही इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अब “आवेदन नहीं, कार्रवाई चाहिए”।

 

यह मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीणों की नारकीय जिंदगी की तस्वीर भी सामने लाता है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और कब तक नयकाडीह के लोग जलजमाव में फंसे रहेंगे।

 

रिपोर्ट: [मंटू कुमार]

स्थान: नयकाडीह, घोरथाम्भा (OP)

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