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गिरिडीह के मारूडीह गांव में महिलाओं से दुर्व्यवहार का आरोप, सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों की कार्रवाई पर उठे सवाल

गिरिडीह, झारखंड | 4 जून 2025

 

गिरिडीह ज़िले के देवरी प्रखंड अंतर्गत ग्राम मारूडीह के रानीडीह टोला में मंगलवार को एक कथित पुलिस कार्रवाई ने बवाल खड़ा कर दिया। आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में गांव में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए पहुंचे और इस दौरान उन्होंने ग्रामीण चंद्रदेव राय के परिवार की महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की, गाली-गलौज और मारपीट की।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने बिना वर्दी के खुद को पुलिस बताते हुए घर में जबरन प्रवेश किया और विरोध करने पर महिलाओं से अमानवीय व्यवहार किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्यशैली से न केवल कानून का उल्लंघन हुआ है, बल्कि महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंची है।

 

एक ग्रामीण ने कहा, “अगर सिविल ड्रेस में बंदूक लेकर कोई भी खुद को पुलिस कहकर धमकाने लगे, तो अपराध कैसे रुकेगा? यह तो कानून की आड़ में आतंक है।”

 

ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता को लिखित पत्र भेजकर की है। साथ ही गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक और खोरीमहुआ के अनुमंडल पदाधिकारी को भी इसकी प्रतिलिपि दी गई है।

 

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिना वर्दी के की गई इस तरह की छापेमारी की जांच की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई हो।

 

“पुलिस का काम नागरिकों की रक्षा करना है, भय पैदा करना नहीं। यदि पुलिस की पहचान ही स्पष्ट नहीं होगी, तो कानून का सम्मान कैसे होगा?” — यह सवाल आज मारूडीह के लोग उठा रहे हैं।

 

समाजसेवियों और ग्रामीण नेताओं ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि महिलाओं के साथ इस प्रकार का अमर्यादित व्यवहार अस्वीकार्य है और इसका समाज में कोई स्थान नहीं है।

ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि न्याय की मांग केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई से पूरी होनी चाहिए।

 

 

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