जमुआ:दुम्मा-सखैयबाद की बदहाल गली बनी ग्रामीणों की सबसे बड़ी परेशानी, महिलाओं ने गीली सड़क पर लगाए पौधे
गली में कीचड़ और गड्ढों की भरमार है। इस समस्या से त्रस्त होकर ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द PCC सड़क निर्माण की मांग की है। महिला ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर गीली और कीचड़ से भरी सड़क पर पौधे लगा दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे धान की रोपनी कर देंगे।

रिपोर्टर – दीपक वर्मा| लोकेशन – जमुआ प्रखंड, गिरिडीह
गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड अंतर्गत नावाडीह पंचायत के दुम्मा सखैयबाद की ग्रामीण सड़क की बदहाली ने इलाके के लोगों को वर्षों से परेशान कर रखा है। दुम्मा से जमुआ की ओर जाने वाली इस ग्रामीण गली की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि लोग पैदल चलना भी मुश्किल समझते हैं।

गली में कीचड़ और गड्ढों की भरमार है। इस समस्या से त्रस्त होकर ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द PCC सड़क निर्माण की मांग की है। महिला ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर गीली और कीचड़ से भरी सड़क पर पौधे लगा दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे धान की रोपनी कर देंगे।

ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उनके बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं, क्योंकि गंदगी और कीचड़ से उनकी ड्रेस गंदी हो जाती है और फिसलने का खतरा रहता है। लगभग 30 से 40 बच्चे रोज़ इसी बदहाल रास्ते से होकर स्कूल और कोचिंग जाते हैं। कई छोटे बच्चे ऐसे हैं जिन्हें उनकी मां गोद में उठाकर सड़क पार करवाती हैं।

स्कूल से छुट्टी के समय वे बच्चों को फिर से लेने आती हैं, ताकि वे कीचड़ भरे रास्ते को सुरक्षित पार कर सकें। कुछ बच्चे चप्पल एक हाथ में और किताबें दूसरे हाथ में लेकर कीचड़ पार करते हैं। ऐसे हालात में बच्चों का उत्साह भी टूट रहा है, और उनमें नियमित रूप से स्कूल जाने की हिम्मत नहीं बची है।
स्थानीय ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया से मांग की है कि वे स्थिति का संज्ञान लेकर जल्द से जल्द PCC सड़क का निर्माण कराएं, ताकि बच्चों और आम लोगों को राहत मिल सके।
ग्रामीणों की मांग – “अब नहीं चाहिए आश्वासन, चाहिए पक्की सड़क”