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पंचायत सेवक सुखलाल महतो ने की आत्महत्या – बीडीओ की प्रताड़ना बनी कारण!

छोटे पदाधिकारियों को वसूली के लिए मजबूर किया जाता है, और जो कर्मचारी इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं या "हिस्सा" नहीं देते, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।

 गिरिडीह, डुमरी:

डुमरी प्रखंड के पंचायत सेवक सुखलाल महतो ने बीडीओ की प्रताड़ना से तंग आकर सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली।

इस दिल दहला देने वाली घटना की पुष्टि खुद सुखलाल महतो के द्वारा मृत्यु पूर्व लिखे गए सुसाइड नोट से हुई है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से डुमरी बीडीओ को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

 

ग्रामीणों और पंचायत कर्मियों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि केवल डुमरी ही नहीं, बल्कि गिरिडीह जिले के अधिकांश प्रखंडों में अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी मिलकर भ्रष्टाचार का खुला खेल खेल रहे हैं।

 

छोटे पदाधिकारियों को वसूली के लिए मजबूर किया जाता है, और जो कर्मचारी इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं या “हिस्सा” नहीं देते, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।

सुखलाल महतो इसी प्रताड़ना का शिकार हो गए।

 

जनता और कर्मियों की मांग:

 

1. डुमरी बीडीओ को तत्काल निलंबित किया जाए और गिरफ्तारी की जाए।

 

 

2. पूरे गिरिडीह जिले में सभी प्रखंडों की जांच हो।

 

 

3. जो अधिकारी वसूली में लिप्त हैं, उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाए।

 

 

4. पंचायत प्रतिनिधियों विशेषकर मुखिया के वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से जब्त किए जाएं।

 

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हेमंत सोरेन और गिरिडीह डीसी से गुहार:

 

जनता और पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गिरिडीह उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है। अगर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।

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