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राष्ट्रीय हड़ताल को लेकर झारखंड में रसोइया संघ की हुंकार, 9 जुलाई को होगा कामकाज ठप

गिरिडीह, 9 जुलाई 2025:

देशभर की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर आज 9 जुलाई को राष्ट्रीय हड़ताल का आयोजन किया गया है। इस हड़ताल में झारखंड राज्य रसोइया संघ (AISWF) ने भी जोरदार भागीदारी करते हुए राज्य के कोने-कोने से अपनी आवाज बुलंद की है।

 

हड़ताल का उद्देश्य केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है।

✊ हड़ताल की मुख्य माँगें:

 

1. चारों श्रम कोड वापस लिए जाएं।

 

 

2. रसोइया सहित सभी स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।

 

 

3. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक ₹26,000 प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय दिया जाए।

 

 

4. कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मानजनक वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जाए।

 

 

 

आंदोलन की अगुवाई

 

इस आंदोलन का नेतृत्व झारखंड राज्य रसोइया संघ (AISWF) कर रहा है, जो कि AICCTU (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस) से संबद्ध है। रसोइया संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्षों से स्कीम वर्कर्स शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनकर काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें आज भी उचित मानदेय, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान नहीं मिल रहा है।

 

जनसमर्थन और संदेश

 

राज्य के विभिन्न जिलों में रसोइया और अन्य स्कीम वर्कर्स ने प्रदर्शन कर “अखिल भारतीय हड़ताल के पक्ष में खड़े हों!” का नारा दिया। सड़कों और कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करते हुए हड़ताली कर्मियों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

 

इस हड़ताल ने एक बार फिर देश के श्रमिक आंदोलन को दिशा देने का काम किया है और यह दर्शाया है कि देश की असंगठित शक्ति यदि संगठित हो जाए, तो बदलाव संभव है।

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