
बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खरबरिया गाँव में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है।
खरबरिया गाँव के बुज़ुर्ग जमुना महतो ने अपने ही आँगन के हरे-भरे पेड़ बेच दिए। वजह जानकर हर किसी का दिल पसीज जाएगा। बुज़ुर्ग ने रोते हुए कहा—
“मेरे तीन बेटे हैं… लेकिन कोई मेरा सहारा नहीं बना। न खाने को पूछते हैं, न दवा-दवाई का खर्च उठाते हैं। बीमारी ने घेर रखा है, और मजबूरी में मुझे पेड़ बेचने पड़े ताकि इलाज करवा सकूँ।”
पहले पक्ष में बहू ममता देवी ने आरोप लगाया था कि ससुर ने अपनी मर्ज़ी से पेड़ काटकर बेच दिए। लेकिन जब नंबर वन न्यूज़ चैनल की टीम मौके पर पहुँची और कागज़ात देखे, तो सच्चाई सामने आ गई। बुज़ुर्ग सच कह रहे थे।
एक पिता, जिसने जीवन भर अपने बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा किया… आज वही पिता इलाज के लिए अकेला, बेबस और बेसहारा है। तीन बेटे होने के बावजूद उन्हें अपने इलाज के लिए पेड़ का सहारा लेना पड़ा।
यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी सोच है—
क्या यह हमारे समय की सबसे बड़ी त्रासदी नहीं है कि बेटों के रहते हुए भी पिता को ऐसे हालात झेलने पड़ें ?