
गिरिडीह (संवाददाता): जिले की राजनीति और सामाजिक हलकों में उस समय हलचल मच गई जब पुलिस ने राधा स्वामी संगठन के नेता एवं पूर्व गांडेय विधानसभा प्रत्याशी शमीम अख़्तर को धोखाधड़ी के गंभीर मामले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के साथ ही जिले में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, शमीम अख़्तर पर आरोप है कि उन्होंने कई लोगों को वाहन उपलब्ध कराने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की वसूली की। लेकिन यह राशि संबंधित फाइनेंस कंपनियों को नहीं दी गई। परिणामस्वरूप, लाभुकों को न केवल वाहन की किस्तों का बोझ उठाना पड़ा बल्कि उन्हें कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अख़्तर पर भरोसा कर अपनी गाढ़ी कमाई सौंपी थी, लेकिन उनके साथ धोखा हुआ।
मामले को लेकर कई पीड़ितों ने पंचंबा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शमीम अख़्तर को हिरासत में लिया। देर रात उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक प्रक्रिया शुरू की गई। पुलिस ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और जांच में नए तथ्य सामने आने की संभावना है। यदि और शिकायतें दर्ज होती हैं तो मामले का दायरा और भी बड़ा हो सकता है।
इस गिरफ्तारी से जिले की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। शमीम अख़्तर पूर्व में गांडेय विधानसभा से प्रत्याशी रह चुके हैं और उनका राधास्वामी संगठन में भी खासा दखल माना जाता है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी से राजनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। क्षेत्रीय स्तर पर लोग इसे लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें लगा रहे हैं।

जिले के बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शमीम अख़्तर दोषी हैं तो उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की धोखाधड़ी करने का साहस न जुटा सके। वहीं, यदि उन पर लगाए गए आरोप गलत साबित होते हैं तो उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
फिलहाल पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। पीड़ितों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी गाढ़ी कमाई किसी न किसी रूप में वापस मिल सकेगी।