
बोकारो, झारखंड – बोकारो की विधायक श्वेता सिंह एक नए विवाद में घिर गई हैं। जानकारी के अनुसार, श्वेता सिंह के नाम पर दो पैन कार्ड मौजूद हैं, जिनमें पिता का नाम अलग-अलग दर्शाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब एक पैन कार्ड में पिता का नाम “दिग्विजय सिंह” और दूसरे पैन कार्ड में “संग्राम सिंह” दर्ज पाया गया।
पहला पैन कार्ड गुड़गांव से जारी हुआ है, जबकि दूसरा पैन कार्ड 2010 में रांची के राजनगर से बनवाया गया था। आश्चर्यजनक रूप से, चुनावी हलफनामे में श्वेता सिंह ने संग्राम सिंह को अपना पति बताया है, जिससे यह मामला और भी उलझता नजर आ रहा है।
विवाद बढ़ने पर श्वेता सिंह के पति बीमार अवस्था में सामने आए और सफाई दी कि “अगर दूसरा पैन कार्ड है, तो देख लेते हैं, लेकिन वोटर कार्ड कोई शरारतपूर्ण ढंग से बनवा रहा है।”
कानून के अनुसार, पैन कार्ड आवेदन में केवल पिता का नाम देना अनिवार्य होता है, न कि पति का। ऐसे में यह मामला फर्जीवाड़े की आशंका को जन्म दे रहा है।
झारखंड में राजनीतिक हलकों में यह खबर तेजी से फैल रही है और श्वेता सिंह की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। चुनाव आयोग से लेकर आयकर विभाग तक, इस दोहरे पहचान के मामले की जांच की मांग की जा रही है।
निष्कर्ष: यह मामला सिर्फ तकनीकी गलती नहीं, बल्कि पहचान से जुड़ा गंभीर सवाल बनता जा रहा है। अगर जांच में फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो यह जनप्रतिनिधित्व कानून और कर कानून दोनों के उल्लंघन की श्रेणी में आ सकता है।