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T D पब्लिक स्कूल, लेदा (गिरिडीह) ने रचा इतिहास — सीमित संसाधनों में भी मैट्रिक 2025 में शानदार सफलता, 6 छात्र जिला टॉपर सूची में शामिल

  1. गिरिडीह (झारखंड): झारखंड के गिरिडीह जिले के सुदूरवर्ती गाँव लेदा स्थित T D पब्लिक स्कूल ने एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है, जो न केवल शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल है, बल्कि यह पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। मैट्रिक परीक्षा 2025 के परिणामों में इस ग्रामीण स्कूल के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए साबित कर दिया कि सफलता संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बल्कि संकल्प, परिश्रम और समर्पण की उपज होती है।

 

मैट्रिक 2025 के परीक्षा परिणामों की प्रमुख उपलब्धियाँ:

 

कुल परीक्षार्थी: 267

परीक्षा में सम्मिलित छात्र: 265

उत्तीर्ण छात्र: 219

सफलता दर: 82%

 

श्रेणियों में विभाजन:

प्रथम श्रेणी: 104 छात्र

द्वितीय श्रेणी: 87 छात्र

तृतीय श्रेणी: 28 छात्र

मार्जिनल पास: 46 छात्र

 

जिले के टॉपर्स में स्थान पाने वाले 6 होनहार छात्र:

 

1. अंशु रानी – 95.6%

 

2. मनोरंजन कुमार – 94.8%

 

3. आर्यन कुशवाहा – 94.6%

 

4. रहीश अंसारी – 94.2%

 

5. तैयबुन खातून – 90%

 

6. मोहन प्रसाद वर्मा – 90%

 

 

इन छात्रों की सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे गाँव और जिले के लिए गर्व की बात है। इन परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि यदि शिक्षकों का समर्पण, अभिभावकों की प्रेरणा और छात्रों का संघर्ष एक साथ मिल जाए, तो कोई भी बाधा सफलता के मार्ग में नहीं आ सकती।

 

गांव से निकली उम्मीद की किरण:

T D पब्लिक स्कूल लेदा के छात्र ऐसे क्षेत्र से आते हैं जहाँ उच्चस्तरीय शैक्षणिक संसाधनों की कमी है, फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत और संकल्प से पूरे जिले में नाम रोशन किया। यह उपलब्धि दर्शाती है कि प्रतिभा किसी भूगोल या पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती।

 

शिक्षकों की भूमिका और अभिभावकों का योगदान:

विद्यालय के शिक्षकों ने न केवल शिक्षण में उत्कृष्टता दिखाई, बल्कि छात्रों को मानसिक और नैतिक रूप से भी सशक्त किया। नियमित टेस्ट, व्यक्तिगत मार्गदर्शन और निरंतर प्रोत्साहन से बच्चों को सफलता की राह दिखाई गई। साथ ही, अभिभावकों ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने बच्चों के सपनों को पंख दिए।

 

समाज और जिले के लिए बनी प्रेरणा:

T D पब्लिक स्कूल की यह उपलब्धि गिरिडीह जिले के लिए एक नई आशा की किरण है। यह सिद्ध करता है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो ग्रामीण क्षेत्रों से भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा निकल सकती है।

“यह केवल परीक्षा में सफलता की नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मविश्वास और बदलाव की कहानी है।

T D पब्लिक स्कूल, लेदा — अब सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है।”

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