Giridih jharkhandबिहारराज्य

55 साल बाद मिला इंसाफ: 9 धुर जमीन के लिए शुरू हुआ विवाद, 10 बीघा जमीन चली गई केस में, तीन पीढ़ी खत्म हो गई

बेगूसराय (चेरिया बरियारपुर), बिहार:

बिहार के बेगूसराय जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न्यायिक व्यवस्था की धीमी गति और जमीनी विवादों की जटिलता को बयां करता है। चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बसही पंचायत के भेलवा मुसहरी गांव में 9 धुर जमीन के विवाद ने तीन पीढ़ियों को खत्म कर दिया, 10 बीघा जमीन केस में चली गई और आखिरकार 55 साल बाद फैसला आया।

 

यह मामला वर्ष 1971 का है, जब वैशाख महीने में झू यादव अपने घर के बगल में एक झोपड़ी बना रहे थे। जगदीश यादव, जो अपने नाना की संपत्ति पर बसे थे, ने इसका विरोध किया। इसी बात को लेकर मामला अदालत पहुंचा। उस समय विवादित जमीन की कीमत महज 180 रुपये थी, लेकिन आज उसकी कीमत 2.5 लाख रुपये हो चुकी है।

 

मूल केस मुंगेर जिले के बेगूसराय अनुमंडल कोर्ट में दर्ज हुआ था। इसके बाद एक के बाद एक मुकदमे, टाइटल सूट, अपील और फिर दोबारा सुनवाई—इन सबने पूरे परिवार को कोर्ट-कचहरी में उलझाकर रख दिया।

 

इस लंबे मुकदमेबाजी के दौरान न सिर्फ कई वकील बदले गए, बल्कि जिस वकील ने शुरू में याचिका दाखिल की थी, उनका निधन भी हो गया। यहां तक कि केस की सुनवाई करने वाले जज भी सेवानिवृत्त हो गए। न्याय के इस इंतजार में तीन पीढ़ियां गुजर गईं, और परिवार की 10 बीघा जमीन इसी विवाद में खर्च हो गई।

 

24 मई 2025 को अंततः यह ऐतिहासिक फैसला आया और अदालत ने जगदीश यादव के वंशजों के पक्ष में फैसला सुनाया।

 

यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक विवाद की कहानी है, बल्कि यह देश की न्यायिक प्रक्रिया की गंभीर सच्चाई भी उजागर करता है कि कैसे छोटे-से विवाद के समाधान में दशकों लग जाते हैं और कई बार उससे कहीं ज्यादा नुकसान हो जाता है, जितना कि विवाद की शुरुआत में था।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!