अवैध आरा मिल पर प्रशासन की चुप्पी: घोरथम्भा O.P क्षेत्र के ढाकोसारन में वन माफियाओं का खुला खेल, ग्रामीणों में उबाल

धनवार (झारखंड):
धनवार थाना क्षेत्र के अंतर्गत घोरथम्भा ओ.पी. के ढाकोसारन गांव में एक अवैध आरा मिल का संचालन खुलेआम जारी है, और इस पर न तो प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, न ही वन विभाग। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है और सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रशासन और वन विभाग की मिलीभगत से ही यह पर्यावरणीय अपराध फल-फूल रहा है?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह आरा मिल पिछले कई महीनों से वन विभाग के नियमों और पर्यावरणीय कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए चल रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में जंगलों से अवैध रूप से लकड़ियाँ काटी जाती हैं और फिर उन्हें इसी आरा मिल में प्रोसेस कर दूसरे जिलों में तस्करी कर बेचा जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे गोरखधंधे को क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है, और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। सूत्र बताते हैं कि कई बार वन विभाग को शिकायतें दी गईं, लेकिन हर बार या तो कार्रवाई को टाल दिया गया या मामले को पूरी तरह से दबा दिया गया।
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को गंभीर पर्यावरणीय अपराध बताते हुए कहा है कि यह सिर्फ एक आरा मिल का मामला नहीं है, बल्कि एक संगठित तंत्र का हिस्सा है जो जंगलों को नष्ट कर रहा है, और राज्य को करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।
क्या कहता है कानून, और कहाँ है प्रशासन?
वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की आरा मिल का संचालन अवैध है, विशेष रूप से वन क्षेत्र के निकट। लेकिन ढाकोसारन में यह नियम धज्जियों की तरह उड़ाए जा रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि जब स्थानीय जनता, सामाजिक कार्यकर्ता और कुछ जागरूक नागरिक इस पर आवाज़ उठा रहे हैं, तो प्रशासन क्यों मौन है?
ग्रामीणों ने चेताया: चुप नहीं बैठेंगे
गांव के युवाओं और बुजुर्गों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और उच्च अधिकारियों से शिकायत कर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है, या फिर यह अवैध कारोबार ऐसे ही चलता रहेगा – जंगल कटते रहेंगे, और सिस्टम मूकदर्शक बना रहेगा।
रिपोर्टर [MANTU YADAV/NO1 NEWS JHARKHAND/BIHAR]
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