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जर्जर मकान में भीगते-रोते दिन काट रहा दिव्यांग बिनोद यादव, अबुआ आवास स्वीकृत लेकिन राशि अटकी, जिम्मेदार कौन?

 

 

गिरिडीह, देवरी प्रखंड:

ग्राम गोरटोली, पंचायत जमखुखरो निवासी बिनोद यादव (उम्र 38 वर्ष), जो कि एक दिव्यांग और अत्यंत गरीब व्यक्ति हैं, इन दिनों अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ बरसात के पानी में भीगते हुए जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण उनका मिट्टी का घर आंशिक रूप से गिर चुका है और जो बचा है, वह भी पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है। किसी भी वक्त यह घर पूरी तरह से ढह सकता है और एक गंभीर हादसा हो सकता है।

 

बिनोद यादव को न प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला, न ही अबुआ आवास योजना का। हैरान करने वाली बात यह है कि पंचायत प्रतिनिधियों ने यह स्वीकार किया है कि बिनोद यादव की पत्नी गुड़िया देवी के नाम से अबुआ आवास की स्वीकृति हो चुकी है और सारे कागजी कार्यवाही भी पूरी कर दी गई है, लेकिन अब राज्य सरकार से राशि नहीं आ रही है।

 

प्रश्न उठता है कि जब सब कुछ “स्वीकृत” हो चुका है, तो फिर इस दिव्यांग को राहत क्यों नहीं?

क्या सिस्टम की लचर प्रक्रिया ही इस गरीब की जान लेगी?

क्या किसी अनहोनी का इंतजार है?

 

ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि इसी तरह की एक दर्दनाक घटना धनवार के कर्गाली में पहले भी हो चुकी है, जहाँ जर्जर मकान ढहने से एक गरीब की जान चली गई थी।

 

मांग:

✔️ राज्य सरकार तत्काल जांच कर इस प्रकरण में संज्ञान ले।

✔️ दिव्यांग बिनोद यादव को नियमानुसार मिलने वाला समुचित लाभ शीघ्र प्रदान किया जाए।

✔️ अबुआ आवास की स्वीकृत राशि तत्काल जारी कर उनके जीवन को सुरक्षित किया जाए।

 

समाप्ति में:

यह सिर्फ एक मकान नहीं, बल्कि एक दिव्यांग की उम्मीद और उसके परिवार का जीवन है। प्रशासन और सरकार को संवेदनशीलता दिखानी होगी, वरना यह सिस्टम सिर्फ फाइलों तक सीमित रह जाएगा और गरीबों की जिंदगी यूं ही मिट्टी में दबती रहेगी।

 

🙏 जनहित में अपील।

(रिपोर्ट – [MANTU YADAV], NO1 NEWS JHARKHAND BIHAR)

 

 

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