“टंकी पर चढ़े डीसी साहब”: गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव का हटके अंदाज सुर्खियों में

गिरिडीह, झारखंड:
जब आमतौर पर अधिकारी वातानुकूलित दफ्तरों और गाड़ियों तक सीमित रहते हैं, ऐसे में झारखंड के गिरिडीह जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव ने एक अलग ही मिसाल पेश की है। डीसी यादव का कार्यशैली इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। कभी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते नज़र आते हैं तो कभी योजनाओं की हकीकत जानने खुद टंकी पर चढ़ जाते हैं।

सोमवार को जमुआ प्रखंड के तारा पंचायत में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जब निरीक्षण के दौरान डीसी रामनिवास यादव खुद ही सौर ऊर्जा चालित जलमीनार की जांच करने पानी टंकी पर चढ़ गए। यह देखकर वहां मौजूद अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों और ग्रामीणों की साँसें थम गईं, पर डीसी साहब ने बिना किसी डर या संकोच के टंकी के ऊपर पहुंचकर जल आपूर्ति व्यवस्था की वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
ज़मीनी हकीकत जानने का जुनून
डीसी ने सिंगल विलेज स्कीम के अंतर्गत संचालित जलमीनार की पूरी व्यवस्था को परखा और फिर वहीं से बिरसा सिंचाई कूप, आम बागवानी योजना और अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं की भी समीक्षा की। लाभुकों से सीधी बातचीत कर योजनाओं की स्थिति पूछी और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि योजनाएं फाइलों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए।
जनसुनवाई और स्पष्ट संदेश
निरीक्षण के बाद डीसी यादव ने ग्रामीणों को भी सरकारी योजनाओं को लेकर जागरूक रहने और फीडबैक देने की अपील की। उन्होंने कहा –
“विकास का असली उद्देश्य तभी पूरा होगा जब लाभार्थी संतुष्ट होंगे। सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए।”
क्यों खास है ये पहल?
डीसी रामनिवास यादव का यह जमीनी और निडर अंदाज़ जनता के साथ-साथ पूरे प्रशासनिक अमले को भी संदेश देता है कि कुर्सी पर बैठकर नहीं, ज़मीन पर उतरकर ही असली सेवा और प्रशासनिक उत्तरदायित्व निभाया जा सकता है।
गिरिडीह की जनता को अब एक ऐसा प्रशासनिक अधिकारी मिल गया है, जो सिर्फ आदेश नहीं देता, बल्कि खुद अमल कर दिखाता है। यही वजह है कि लोग कहने लगे हैं—
“उपायुक्त हो तो ऐसा!”